गुरुवार, 21 मार्च 2013

जनमन

प्रिय साथियों ,
                  बदलते आर्थिक और सामाजिक परिवेश में यह तय है कि तकनीक और सूचना क्रांति के दौर  में  जन साहित्य को भी अपना  माध्यम बदलना पड़ेगा और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से जुडने के लिए भी उसका नयी तकनीक के साथ आना जरुरी है . दुनिया भर में करोड़ों साथी इस अभियान में दिन रात लगे हैं और सोशल मीडिया ,ब्लॉगस्, अन्य माध्यमों  में कार्य कर रहे हैं

बाज़ार बनते साहित्य  जगत में ये अति आवश्यक हो गया है कि हम अपनी नयी  पीढ़ी को जन साहित्य के मौलिक स्वरूप से परिचित करा पायें ताकि कॉर्पोरेट घरानों द्वारा परोसे जा रहे कतिपय साहित्य को ही वह साहित्य समंझने की गलती ना करें
.
 इस दौर में जब सामाजिक और आर्थिक पहलू गडमड हो गये हैं और आर्थिक विषमता सामाजिक और राजनैतिक कारणों से बढती जा रही है ,जनसाहित्य और कला ही सही रास्ता दिखा सकते  हैं  और इस आंदोलन  की  जरुरत को पूरी दुनिया में शिद्दत के साथ महसूस किया जा रहा है

ब्लाग्स और ई  पत्रिकाओं की  श्रृंखला में  हमारा एक छोटा सा प्रयास ई पत्रिका "जनमन" के रूप में आपके सामने जल्द ही आयेगा यह एक त्रैमासिक जन साहित्य की पत्रिका होगी जो जनपक्षीय आलेखों , कहानियों , कविता, दोहों लेखकों कलाकारों के साक्षात्कार, व सभी जनापेक्षी विषयों जैसे नयी किताबों , फिल्मों औरऔर नाटकों पर भी बातचीत को आपके सामने रखेगी .

ऐसा नहीं है कि ये प्रयास भूतो ना भविष्यति जैसा है परन्तु इतना तय है कि  ये उस आंदोलन  को एक कदम और आगे बढाएगा जिसकी जरुरत बाज़ार बनते इस पूरे विश्व को अपनी पहचान और संस्कृति बचाने के लिए है ,इस लघुतर प्रयास में दोस्तों और कई मार्गदर्शकों का सहयोग  है जो अपने अपने क्षेत्रों में बदलाव के लिए काम कर रहे हैं हम उनके आभारी है ,
आप के सामने "जनमन" को हम २३ मार्च के दिन ला रहे हैं ये दिन हमको उस शख्स की याद दिलाता है जो अपने अंतिम समय तक बेहतर दुनिया की उम्मीद के सपने संजोता रहा ,भगत सिंह और उसके साथियों की शहादत के साथ साथ ये मार्च का महीना जनकवि "पाश "को याद करने का भी है जिसके लिए कवि होना
" जीवन के प्रति निष्ठा रखना " है. यह महीना हमको स्त्री सम्मान के लड़ने के लिए भी प्रेरणा देता है अतः ये प्रवेशांक मार्च के महीने में आना इन सब को एक सलाम  भी होगा.

इस अनुरोध के साथ कि  आप इसे अपने सभी साथियों के साथ शेयर करेंगे हम २३ मार्च को आपको इसका लिंक प्रेषित तो करेंगे ही अगर आप हमें अपना ई मेल पता दे पायें तो हम इसको आप को मेल भी करेंगे
सहयोग की उम्मीद में,
आपका
विजय  

5 टिप्‍पणियां:

  1. Dear Dr. Vijay ,
    Many Many Congratulations for this great sucess .I am sure It will be a mile stone in history of Agra and your life .
    please send my edition at
    prashant.tulsani@yahoo.in
    kumar.p.74@pg.com

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  2. आपका प्रयास निश्चय ही काबिल ए तारीफ़ है ...
    सफलता की शुभकामनाएं!!!

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  3. Dear Dr. Vijay ,
    Also I want to congratulate, not many though belatedly. Want to find you.

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